सावन के महीने को भगवान शिव की भक्ति का भी महीना कहते हैं। यह ग्रीष्म ऋतु के बाद आता है और लोगों को गर्मी के कहर से राहत देता है। सावन के महीने में बहुत बरसात होती है जिससे मौसम सुहावना हो जाता है। लोग ऐसे ही वक्त पर अपने परिवार के साथ बाहर घूमते हैं और सावन के खुशनुमा मौसम का आनंद लेते हैं। सावन के महीने में हर तरफ हरियाली छा जाती है और मौसम ठंडा हो जाता है। सावन के महीने में वायु की गुणवत्ता भी बढ़ जाती है।

पुराणों के अनुसार इस महीने में श्रवण नक्षत्र वाली पूर्णिमा आती है जिसके नाम पर इस महीने का नाम ‘श्रावण’ पड़ा। हिन्दू पंचांग या हिन्दू कैलेण्डर के अनुसार वर्ष का पांचवा महीना सावन का महीना होता है। हिन्दू धर्म की मान्यताओं के अनुसार सावन का महीना हिन्दुओं का सबसे पवित्र महीना होता है। इस महीने से हिन्दुओं की धार्मिक भावनाएं और आस्था जुड़ी होती हैं। ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार यह महीना प्रत्येक वर्ष जुलाई से अगस्त के बीच में पड़ता है।

सामान्य बोलचाल की भाषा में इसे ‘सावन’ के नाम से जाना जाता है। हिन्दुओं की धार्मिक मान्यता है कि यह महीना भगवान शिव को बहुत प्रिय है अतः इस महीने में हिन्दू भगवान शिव की पूजा आराधना करते हैं। इसे भगवान शंकर का महीना भी कहते हैं। यह पूरा महीना भक्तिमय गीतों और धार्मिक माहौल का होता है। हिन्दू देवी-देवताओं के मंदिरों में दर्शनार्थियों की भीड़ लगी रहती है। इस माह के ख़ास दिनों पर हिन्दू उपवास रखते हैं और पूरे महीने शुद्ध व शाकाहारी भोजन करते हैं।

सावन का महीना लोगों को ईश्वर से जुड़ने का और भगवान की भक्ति के लिए सबसे उत्तम है। हर तरफ मंदिरों में लोगों की भीड़, भजन-कीर्तन की आवाज, मंत्रोच्चारण और बड़े-बड़े मेलों का आयोजन इस माह की महत्वता को और भी बढ़ा देता है। सावन के माह में महिलाएं उपवास रखती हैं और अपने परिवार के स्वस्थ रहने की कामना करती हैं। भक्तों की सबसे ज्यादा भीड़ सावन के महीने में ही लगती है। भारत में प्रसिद्ध भगवन शिव के भक्तों द्वारा किए जाने वाला कांवड़ यात्रा भी सावन के महीने में ही किया जाता है।

सावन का महीना किसानों के लिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इसी समय किसान कई प्रकार के अनाज, सब्जी और फूल आदि की बुआई करते हैं। धान, मक्का, ज्वार, बाजरा, सूरजमुखी और कई प्रकार की सब्जी आदि की बुआई सावन के महीने में किया जाता है।

कहने को सावन का महीना एक हिन्दू भक्ति महीना होता है परन्तु सावन का यह महीना सभी के लिए राहत का महीना होता है। अप्रैल से जून तक की भीषण गर्मी से मनुष्य और जीव दोनों त्रस्त हो जाते है, पेड़-पौधे, नदी, नहर, तालाब और कुएं आदि सुख जाते हैं और कई स्थानों पर तो सूखे जैसे हालात बन जाते है जो लोगों को बदहाल कर देता है। सावन के महीने में होने वाली तेज़ बारिश पृथ्वी के इस बदहाल वातावरण में नई जान देता है और हर तरफ खुशी की एक नई लहर दिखने लगती है।

Leave a Comment

Your email address will not be published.

TOP